अगली ख़बर
Newszop

लद्दाख के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए दमनकारी कदम उठा रही सरकार : योगेंद्र यादव

Send Push

New Delhi, 30 सितंबर . लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर शुरू हुए आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दिल्ली में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर Government की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा Government लद्दाख के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए दमनकारी कदम उठा रही है.

योगेंद्र यादव ने केंद्र की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा, “करगिल युद्ध में स्थानीय लोगों ने सेना की मदद की थी. ये राष्ट्र हित की बात करते हैं, लेकिन लद्दाख के लोगों के साथ ऐसा सलूक कर रहे हैं. केंद्र Government ने 370 हटाने के वक्त कहा था कि वो लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगी या फिर विधानसभा देकर उन्हें अपनी Government चुनने का अधिकार देंगे.”

उन्होंने कहा कि 2019 में लद्दाख को अलग यूटिलिटी बनाया गया था, लेकिन विकास के नाम पर पर्यावरण और स्थानीय अधिकारों की अनदेखी हुई. “चीन सीमा पर तनाव के बीच लद्दाख के लोग अपनी पहचान और अधिकार बचाने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन Government दमन का सहारा ले रही है.”

प्रशांत भूषण ने कहा, “सोनम वांगचुक वही डिमांड कर रहे थे, जो पिछले 6 साल से उठ रही है. धारा 370 हटाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था, जबकि Government ने वादा किया था कि उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. लेकिन Government ने अभी तक यह पूरा नहीं किया. सोनम लगातार शांति के साथ मांग कर रहे थे. जब वहां हिंसा हुई, तब भी उन्होंने कहा कि यह हमारे आंदोलन को कमजोर कर देगी.”

भूषण ने गिरफ्तारी को ‘Political बदला’ करार देते हुए कहा, “इनको किसी भी तरीके से बंद करके हिंसा पर काबू नहीं पाया जा सकता. अब Government ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच शुरू कर दी है. उनके एनजीओ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इसके साथ पूरी भाजपा मिलकर उनको देशद्रोही साबित करने में लगी है.”

उन्होंने लद्दाख डीजीपी के Pakistan कनेक्शन के आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए कहा कि यह आंदोलन स्थानीय हितों का है, न कि विदेशी साजिश का. बता दें कि सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर से 14 दिनों का अनशन शुरू किया था. 24 सितंबर को लेह में शांतिपूर्ण बंद के दौरान हुई हिंसा में चार लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हुए. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय और वाहनों को आग लगा दी, जबकि सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज और गोलीबारी की. फिलहाल लेह में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.

एससीएच

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें