Muzaffarpur Chhapra Railway Line: बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकास को दर्शाता है। राज्य में हाल के वर्षों में नई रेल लाइनें डबल लाइनिंग और विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं और यह नई परियोजना उसी दिशा में एक और बड़ा कदम है। रेलवे नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाने के लिए बिहार में एक नई रेलवे लाइन परियोजना शुरू होने जा रही है। यह लाइन राज्य के दो महत्वपूर्ण जिलों के बीच बनाई जाएगी जिससे आवागमन सुगम होगा स्थानीय लोगों को यातायात सुविधा मिलेगी और भूमि की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। इस परियोजना के लिए 25 गांवों में जमीन अधिग्रहण और सर्वे ड्रोन तकनीक से किया जाएगा।
रेलवे लाइन की भूमिका
मुजफ्फरपुर-छपरा रेलवे लाइन पर अब काम तेजी से शुरू होगा। नई रेलवे लाइन पर काम शुरू हो गया है जिसमें एरियल टोपोग्राफिकल सर्वे ट्रैफिक परीक्षण इंजीनियरिंग ड्राइंग मिट्टी की जांच और एरियल मैप शामिल हैं। इन योजनाओं पर एक करोड़ 81 लाख रुपए खर्च होगा। परीक्षण और अध्ययन कार्यों में DGPS आधारित ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। एजेंसी अगले महीने से सारण और मुजफ्फरपुर में शिविर लगाएगी।
25 गांवों में जमीन अधिग्रहण किया जाएगा
पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण विभाग इस कार्य की देखरेख करेगा। कुल छह बिंदुओं पर सर्वे के साथ स्टडी होनी है। अध्ययन और सर्वे कार्य तीन महीने तक चलेंगे। निर्माण विभाग इसके बाद पूर्व मध्य रेलवे के जीएम को रिपोर्ट भेजेगा। जीएम द्वारा पूरी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। इससे परियोजना का डीपीआर बनाया जाएगा और टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मुजफ्फरपुर से नई ट्रेन कांटी मड़वन सरैया और पारू होते हुए सारण पहुंचेगी। मुजफ्फरपुर में 25 गांवों से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। पश्चिम मध्य रेलवे को जिला भू-अर्जन कार्यालय से सात अरब 19 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। कुल 273 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी।
मुजफ्फरपुर से हाजीपुर की लाइन 113 किमी दूर
नई रेल लाइन बनने पर मुजफ्फरपुर से छपरा जाने में 28 किलोमीटर की बचत होती। योजना के अंतर्गत 85 किमी लंबी नई रेल लाइन बनाई जाएगी। हालाँकि मुजफ्फरपुर से हाजीपुर की लाइन 113 किमी दूर है। नई रेल लाइन के उद्घाटन से बिना हाजीपुर पहुँचे ट्रेनें मुजफ्फरपुर से सीधे छपरा पहुंच जाएंगी। साथ ही स्टेट हाईवे-102 के सामने बनने वाली इस रेलवे लाइन की पूर्व दिशा में रेवा घाट में एक पुल भी बनाया जा रहा है। रेवा घाट में भी 16 पिलर बनाए जा रहे हैं।
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