यदि आपको शौच के समय पेट साफ करने में कठिनाई हो रही है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है, जो शरीर में तरल पदार्थों की कमी का परिणाम है। कब्ज की स्थिति में व्यक्ति खुद को तरोताजा महसूस नहीं कर पाता।
कब्ज को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। कब्ज के कारण पेट में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे पेट दर्द, सुबह शौच में कठिनाई और मल का पूरी तरह से बाहर न निकलना।
कब्ज के उपचार के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं, लेकिन आयुर्वेदिक उपाय सबसे प्रभावी साबित हुए हैं।
कब्ज को समाप्त करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
हरड़ और छाछ का उपाय: एक किलो छोटी हरड़ को छाछ में 24 घंटे भिगोकर रखें। फिर इसे निकालकर सुखा लें और पाउडर बना लें। सोने से पहले 4 ग्राम इस पाउडर को मिट्टी के पानी के साथ लें। यह पुरानी कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं के लिए अत्यंत लाभकारी है।
यदि आप चाहें, तो हरड़ के पाउडर को अरंडी के तेल में हल्का भूनकर इसका उपयोग करें। जिन लोगों को कब्ज की समस्या अधिक होती है, उन्हें तली हुई चीजें और भारी भोजन से बचना चाहिए। फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
केसर: आधा ग्राम केसर को घी में पीसकर खाने से पुरानी कब्ज दूर होती है।
त्रिफ़ला का सेवन: सोने से पहले 1 चम्मच शहद में 3-5 ग्राम त्रिफला पाउडर मिलाकर गर्म पानी के साथ लें। इससे कब्ज में राहत मिलेगी।
तरल पदार्थों का सेवन: कब्ज का मुख्य कारण शरीर में पानी और अन्य तरल पदार्थों की कमी है। दलिया और खिचड़ी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
गुड़ और गिलोय: गुड़ के साथ गिलोय का चूर्ण मिलाकर सोते समय लें। यह कब्ज को ठीक करने में मदद करता है।
त्रिफ़ला, सेंधा नमक और अजवाइन: इन तीनों का मिश्रण बनाकर हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करें। यह पुरानी कब्ज को खत्म कर देगा।
हरड़ा: हर रोज रात में हरड़ा को पीसकर कुनकुने पानी के साथ लें। इससे कब्ज और गैस की समस्या दूर होगी।
अमरूद और पपीता: ये फल कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
किशमिश: किशमिश को पानी में भिगोकर खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
पालक: पालक का रस पीने से कब्ज में राहत मिलती है।
कब्ज से बचने के लिए आहार: मूंग और मसूर की दालें, कम मसाले वाली सब्जियां जैसे परवल, लौकी, आलू आदि का सेवन करें।
फलों में अमरूद, आम, आंवला, अंगूर, और अन्य फलों का सेवन करें। दिन में 6-7 गिलास पानी पीना न भूलें।
कब्ज में परहेज़: तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च-मसाले, और कठोर खाद्य पदार्थों से बचें। हल्का व्यायाम और टहलना भी फायदेमंद है।
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