आक का पौधा, जिसे आमतौर पर मदार या अर्क के नाम से जाना जाता है, शुष्क और ऊँची भूमि पर आसानी से पाया जाता है। हालांकि, इसके उपयोग के बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है।
आक के पौधे के बारे में भ्रांतियाँ
सामान्यतः यह माना जाता है कि आक का पौधा विषैला है और मनुष्यों के लिए हानिकारक है। यह सच है कि आयुर्वेद में इसे उपविषों में रखा गया है। यदि इसे अत्यधिक मात्रा में लिया जाए, तो यह उल्टी और दस्त का कारण बन सकता है।
आक के पौधे के लाभ
आक के रासायनिक तत्वों में एमाईरिन, गिग्नटिओल और केलोट्रोपिओल शामिल हैं। इसके रस में कई औषधीय गुण होते हैं, जैसे कि यह वात और कफ को दूर करता है। उचित मात्रा में और विशेषज्ञ की देखरेख में इसका सेवन कई रोगों में लाभकारी हो सकता है।
आक के पौधे के अद्भुत फायदे
1. शुगर और पेट की समस्या: आक की पत्तियों को पैर के तलवे पर रखकर मोजा पहनने से शुगर लेवल सामान्य हो सकता है।
2. घाव: आक के पत्तों को मीठे तेल में जलाकर सूजन पर लगाने से राहत मिलती है।
3. खाँसी: आक की जड़ के चूर्ण को काली मिर्च के साथ मिलाकर खाने से खाँसी में आराम मिलता है।
4. सिरदर्द: आक की जड़ की राख को कड़वे तेल में मिलाकर लगाने से खुजली और सिरदर्द में राहत मिलती है।
5. गठिया: आक की जड़ को पकाकर उसका पानी लेने से गठिया में सुधार होता है।
हानिकारक प्रभाव
हालांकि आक का पौधा कई लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह विषैला भी हो सकता है। इसकी जड़ की छाल का अधिक सेवन करने से आंतों में जलन और उल्टी हो सकती है। इसलिए, इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए।
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