हम सभी बैंक लॉकर में कीमती सामान इसलिए रखते हैं ताकि घर में चोरी होने का डर बना रहता है। हम सुरक्षा के कारणों से बैंक लॉकर का चुनाव करते हैं, हर महीने उसके लिए किराए का भुगतान करते हैं, लेकिन क्या हमारा कीमती सामान बैंक लॉकर में भी पूरी तरह सुरक्षित रहता है? कई लोगों को यह गलतफहमी हो सकती है कि उनके गहने, कीमती सामान या लॉकर में रखी अन्य चीज पूरी तरह सुरक्षित हो सकती है। यदि आपको भी यह गलतफहमी है तो आपको सच्चाई पता होनी चाहिए।
बैंक लॉकर में क्या-क्या सामान रख सकते हैंआप सिंगल या जॉइंट लॉकर ओपन करवा कर उसमें कीमती गहने, बीमा पॉलिसी के दस्तावेज, जन्म या विवाह प्रमाण पत्र या प्रॉपर्टी से जुड़े अन्य दस्तावेज भी रख सकते हैं। ऐसी चीज जो कानूनी रूप से वैध हो उसे लॉकर में रखा जा सकता है। लेकिन आपको यह भी पता रहना चाहिए कि बैंक के लॉकर में कैश रखना मना होता है। इसके अलावा अन्य विस्फोटक और गैरकानूनी चीजें भी लॉकर में नहीं रखी जा सकती।
लॉकर का एग्रीमेंट और नॉमिनी है जरूरीरिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों के अनुसार जब भी बैंक से कोई व्यक्ति लॉकर लेता है तो उसे एग्रीमेंट पेपर पर साइन करने होते हैं। इसके अलावा आरबीआई ने ग्राहकों के लिए भी यह नियम तय कर दिए हैं कि वह अपने लॉकर्स के लिए नॉमिनी तय करें। यदि बैंक का लॉकर खाली होता है तो उन्हें इसकी जानकारी भी पब्लिक को देनी होती है।
लॉकर में रखे सामान कितने सुरक्षित होते हैं? बैंक लॉकर में रखे कीमती सामानों को नुकसान होने पर बैंक भरपाई तो करता है लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते हैं-
1. यदि लॉकर में रखे सामान को नुकसान बैंक की सुरक्षा में चूक या लापरवाही के कारण हुआ है तो बैंक के द्वारा उसकी भरपाई की जाएगी।
2. वहीं भूकंप बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर में रखी वस्तुओं को नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होता।
3. यदि इमारत गिरने, चोरी या डकैती या आज जैसी कई घटनाएं होती है तो भी बैंक के द्वारा मुआवजा दिया जाता है।
कितना दिया जाता है मुआवजा?सबसे बड़ा सवाल ही यही है कि क्या बैंक के लॉकर में रखे सामानों के नुकसान पर बैंक नुकसान का पूरा मुआवजा देता है? इसका जवाब आपको हैरान कर देगा। इसका जवाब है नहीं, बैंक कितना मुआवजा देगा इसके लिए भी नियम बने हैं। जिसके अनुसार आप अपने लॉकर के लिए जितना सालाना किराया देते हैं उसका 100 गुना ही मुआवजा मिल सकता है।
चलिए उदाहरण से समझते हैं-मान लेते हैं कि आप अपने लॉकर का वार्षिक किराया 2000 रुपये है। और अपने लॉकर में 10 लाख रुपये की कीमत के ज़ेवर रखें हैं। ऐसे में आपके लॉकर में रखे सामानों का यदि नुकसान होता है तो उसके लिए बैंक किराए का 100 गुना यानी 2000 का 100 गुना = 2,00,000 रुपये तक का ही मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार होगा। भले ही आपको ज्यादा नुकसान हो।
ये भी जान लेंआपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि बैंक जब किराया वसूलता है तो उसमें जीएसटी भी अलग से लिया जाता है। लेकिन जब आपको मुआवजा देने की बारी आती है तो केवल बेसिक किराए के आधार पर ही मुआवजे की गणना होती है।
बैंक लॉकर में क्या-क्या सामान रख सकते हैंआप सिंगल या जॉइंट लॉकर ओपन करवा कर उसमें कीमती गहने, बीमा पॉलिसी के दस्तावेज, जन्म या विवाह प्रमाण पत्र या प्रॉपर्टी से जुड़े अन्य दस्तावेज भी रख सकते हैं। ऐसी चीज जो कानूनी रूप से वैध हो उसे लॉकर में रखा जा सकता है। लेकिन आपको यह भी पता रहना चाहिए कि बैंक के लॉकर में कैश रखना मना होता है। इसके अलावा अन्य विस्फोटक और गैरकानूनी चीजें भी लॉकर में नहीं रखी जा सकती।
लॉकर का एग्रीमेंट और नॉमिनी है जरूरीरिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियमों के अनुसार जब भी बैंक से कोई व्यक्ति लॉकर लेता है तो उसे एग्रीमेंट पेपर पर साइन करने होते हैं। इसके अलावा आरबीआई ने ग्राहकों के लिए भी यह नियम तय कर दिए हैं कि वह अपने लॉकर्स के लिए नॉमिनी तय करें। यदि बैंक का लॉकर खाली होता है तो उन्हें इसकी जानकारी भी पब्लिक को देनी होती है।
लॉकर में रखे सामान कितने सुरक्षित होते हैं? बैंक लॉकर में रखे कीमती सामानों को नुकसान होने पर बैंक भरपाई तो करता है लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते हैं-
1. यदि लॉकर में रखे सामान को नुकसान बैंक की सुरक्षा में चूक या लापरवाही के कारण हुआ है तो बैंक के द्वारा उसकी भरपाई की जाएगी।
2. वहीं भूकंप बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लॉकर में रखी वस्तुओं को नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होता।
3. यदि इमारत गिरने, चोरी या डकैती या आज जैसी कई घटनाएं होती है तो भी बैंक के द्वारा मुआवजा दिया जाता है।
कितना दिया जाता है मुआवजा?सबसे बड़ा सवाल ही यही है कि क्या बैंक के लॉकर में रखे सामानों के नुकसान पर बैंक नुकसान का पूरा मुआवजा देता है? इसका जवाब आपको हैरान कर देगा। इसका जवाब है नहीं, बैंक कितना मुआवजा देगा इसके लिए भी नियम बने हैं। जिसके अनुसार आप अपने लॉकर के लिए जितना सालाना किराया देते हैं उसका 100 गुना ही मुआवजा मिल सकता है।
चलिए उदाहरण से समझते हैं-मान लेते हैं कि आप अपने लॉकर का वार्षिक किराया 2000 रुपये है। और अपने लॉकर में 10 लाख रुपये की कीमत के ज़ेवर रखें हैं। ऐसे में आपके लॉकर में रखे सामानों का यदि नुकसान होता है तो उसके लिए बैंक किराए का 100 गुना यानी 2000 का 100 गुना = 2,00,000 रुपये तक का ही मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार होगा। भले ही आपको ज्यादा नुकसान हो।
ये भी जान लेंआपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि बैंक जब किराया वसूलता है तो उसमें जीएसटी भी अलग से लिया जाता है। लेकिन जब आपको मुआवजा देने की बारी आती है तो केवल बेसिक किराए के आधार पर ही मुआवजे की गणना होती है।
You may also like
क्या रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के दबाव में अश्विन ने लिया संन्यास? अब जाकर किया बड़ा खुलासा
Jan Suraj First Candidate List: प्रशांत किशोर की जन सुराज ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट निकाली, देखिए बिहार विधानसभा चुनाव में किस सीट से किसे दिया टिकट?
'महारानी 4' की रिलीज डेट आउट, इस दिन होगी स्ट्रीम
एक्सरसाइज के बाद भी नहीं कम हो रहा वजन? जानिए अपनी बॉडी शेप के अनुसार सही कसरत और डाइट
कीर स्टार्मर संग पीएम माफी ने की बैठक, भारत-ब्रिटेन के बीच शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में हुए समझौते