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महाराष्ट्र में बारिश का कहर, एयरपोर्ट, ट्रेनें और फसलों पर भारी नुकसान, मुआवजे की मांग कर रबे किसान

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महाराष्ट्र में कुछ दिन की मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य के कई शहर मुंबई, पुणे, बारामती, सोलापुर जैसे शहरों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और रेल सेवाओं में व्यवधान देखा गया। कई हवाई यात्राएं रद्द की जा चुकी है। इससे राज्य पर गहरा आर्थिक प्रभाव भी पड़ा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मुंबई और आसपास के क्षेत्रों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए। जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगता है। महाराष्ट्र की बारिश का असर महाराष्ट्र की बारिश के कारण कई उड़ाने रद्द हुई और कई उड़ाने देरी से चली। कुछ उड़ानों को पड़ोसी हवाई अड्डों पर डायवर्ट किया गया। भारी बारिश का असर मुंबई की लाइफलाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा। रेलवे ट्रैकों पर पानी भर जाने से कई ट्रेनें देरी से चलाई गई वहीं कई रद्द कर दी गई। भारी बारिश के कारण रेल सेवाओं में व्यवधान से यात्रियों को भारी असुविधा हुई। इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। बारिश से फसलों को भारी नुकसानमहाराष्ट्र की बारिश का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्रों पर पड़ा। भारी बारिश और बाढ़ ने गेहूं, सरसों, कपास, कडधान्य, और आम जैसी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया। राज्यभर में 34,842 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ। विशेष रूप से अमरावती जिले में 10,636 हेक्टर, जलगाँव में 4,396 हेक्टर, जालना में 1,695 हेक्टर, नाशिक में 1,734 हेक्टर, और पालघर में 796 हेक्टर क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ। कई किसानों की फसलें बारिश में डूब गई। आम की फसलों में कीटों का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा अन्य फसलें भी प्रभावित हुई है। इसके अलावा पशुपालक भी काफी प्रभावित हुए हैं। सूखे चारे की कमी के कारण चारे के दामों में भारी उछाल आया। किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति और खराब हुई।बारिश के कारण हुए नुकसान के सटीक आंकड़े सामने नहीं आये हैं। लेकिन प्रारंभिक अनुमान के अनुसार नुकसान अरबों में हो सकता है। कपास की फसल को अनुमानित 2.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान होने के अनुमान है। बारिश के कारण मंडियों में तैयार उपज भी बर्बाद हो रही है। सरकारी से मुआवजे की मांग किसानों ने सरकार से नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की है। भारतीय किसान संघ और अन्य संगठनों ने सरकार राहत पैकेज के साथ ही फसल बीमा का लाभ देने की मांग की है। महाराष्ट्र में मई 2025 में कुछ ही दिनों की बारिश ने ताबही मचा दी है। सड़कों पर गड्ढे, ट्रैफिक जाम, और निर्माण कार्यों में रुकावट के कारण भी आर्थिक नुकसान हुआ। रेल सेवाओं, एयरपोर्ट और कृषि क्षेत्र पर भी गहरा असर हुआ है। जलभराव, उड़ानों और ट्रेनों में देरी, और फसलों की बर्बादी ने राज्य की अर्थव्यवस्था और जनजीवन को झकझोर दिया।
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