भारत की सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल ने हाल ही में समाप्त हुए महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में अपनी साथी सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा की शानदार पारी और दबाव संभालने की क्षमता की बहुत प्रशंसा की।
भारत ने इस ऐतिहासिक फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप का खिताब जीता था और शेफाली वर्मा ने इस ऐतिहासिक जीत में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनकर अहम भूमिका निभाई थी।
शेफाली की ‘बेहतरीन’ पारी और प्रदर्शन पर प्रशंसाशेफाली वर्मा को विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल से ठीक पहले टीम में वापस शामिल किया गया था। उन्होंने लीग मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण करते समय पैर में चोट लगने के कारण बाहर हुईं प्रतिका रावल की जगह टीम में वापसी की थी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में वह 10 रन बनाकर आउट हो गईं और कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाईं, लेकिन उन्होंने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक यादगार पारी खेली।
प्रतिका रावल ने ‘इंडिया टुडे’ के साथ हुए हालिया इंटरव्यू में शेफाली के लिए ‘अपार सम्मान’ व्यक्त किया। उन्होंने उस घरेलू मैच को याद किया जब रोहतक में जन्मी शेफाली ने उनकी टीम के खिलाफ शतक जड़ा था। रावल ने इंडिया टुडे के सौजन्य से कहा, “मुझे शेफाली के लिए बहुत सम्मान है। मुझे याद है कि हरियाणा के खिलाफ एक घरेलू मैच में वह मेरी विरोधी टीम की कप्तान थीं और उन्होंने शतक बनाया था। उस दिन से ही मैं उनकी बहुत प्रशंसा करती हूँ।”
सलामी बल्लेबाज़ प्रतिका रावल ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के बीच में टीम में शामिल होना और तुरंत प्रदर्शन करना कितना चुनौतीपूर्ण होता है।
उन्होंने कहा, “सेमीफाइनल में उस तरह के दबाव के साथ आना आसान नहीं होता, लेकिन उन्होंने इसे खूबसूरती से संभाला। हमने देखा कि उन्होंने फाइनल में कितनी अच्छी बल्लेबाजी की।” शेफाली वर्मा ने फाइनल में 78 गेंदों में 87 रन की धमाकेदार पारी खेली और साथ ही दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए, जिससे भारत को यह बड़ी जीत हासिल हुई। उनके इस ऑलराउंड प्रदर्शन ने भारत के पहली बार विश्व कप उठाने के सपने को साकार किया।
स्मृति मंधाना के साथ साझेदारी की सफलता का राजइस बातचीत के दौरान, रावल ने साथी सलामी बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना के साथ अपनी सफल साझेदारी के बारे में भी बात की। रावल ने पिछले साल शेफाली की जगह सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह बनाई थी।
रावल ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारी साझेदारी की खूबी हमारी सादगी है। हम एक-दूसरे के साथ खेलना पसंद करते हैं और हम दोनों इतने परिपक्व हैं कि यह समझते हैं कि स्थिति की क्या मांग है। वह कभी मेरे खेल में दखल नहीं देती, और मैं उनके खेल में नहीं देती।” उन्होंने आगे कहा कि यही आपसी विश्वास और समझ उनकी साझेदारी को इतना प्रभावी और फलदायी बनाता है।
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