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जम्मू-कश्मीर: 29 साल की शगुन परिहार बीजेपी की एकमात्र महिला विधायक, कैसे एनसी पर पड़ीं भारी

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ANI शगुन परिहार ने किश्तवाड़ से अपने प्रतिद्वंद्वी को 521 वोटों से हरा कर जीत दर्ज की है

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में 90 सदस्यों वाली विधानसभा में केवल तीन महिलाएं चुनकर पहुँची हैं.

दो महिलाएं कश्मीर घाटी में नेशनल कॉन्फ़्रेंस के टिकट पर जीतीं जबकि तीसरी बीजेपी के टिकट से जम्मू क्षेत्र जीतीं.

जीतने वाली महिलाओं में नेशनल कॉन्फ़्रेंस की शमीम फ़िरदौस, सकीना मसूद और बीजेपी की शगुन परिहार हैं.

2014 में 24 उम्मीदवारों की तुलना में इस बार मैदान में 41 महिलाएं थीं. इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ़्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने कुल 48 सीटें जीती हैं और इस गठबंधन की ओर से हिंदू समुदाय के 30 सदस्यों को टिकट दिया गया था, जिनमें केवल दो को जीत मिली है.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करें बीबीसी से क्या बोलीं शगुन परिहार

शगुन परिहार ने बीबीसी हिंदी से कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वो राजनीति में आएंगी लेकिन हालात ऐसे बने कि सब कुछ अचानक हो गया.

शगुन ने कहा, ''मेरे पिता और चाचा की पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने हत्या की तो डर बनाने की कोशिश की गई कि लोग राजनीति में न आएं. लेकिन मैं किसी से डरती नहीं हूँ. मैं लोगों की सेवा करने में जान की परवाह नहीं करने वाली हूँ. पार्टी ने मुझे इस लायक समझा है तो मैं इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाऊंगी.''

बीजेपी को जम्मू में ही जीत क्यों मिली? क्या बीजेपी को केवल हिंदुओं ने वोट किया?

इसके जवाब में शगुन कहती हैं, ''ये बात सही है कि हमारी पार्टी को घाटी में सफलता नहीं मिली लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बीजेपी को केवल हिंदुओं ने ही वोट किया है."

शगुन ने कहा, "2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में जनजीवन सामान्य हुआ है. लोग रोज़ी-रोटी और अमन की ओर बढ़ रहे हैं. अब मुश्किल आतंकवादियों के लिए है न कि शांति और संपन्नता की बात करने वालों के लिए. अनुच्छेद 370 का मुद्दा अब प्रदेश में आम लोगों के बीच नहीं है. ये कुछ पार्टियों के लिए है जो लोगों को गुमराह करना चाहती हैं.''

शगुन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर कहती हैं, ''इस बार केवल तीन महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुँची हैं लेकिन मेरा मानना है कि यह संख्या बढ़नी चाहिए."

"महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा तभी मुख्यधारा में महिलाओं के मुद्दे भी प्रमुखता से आएंगे.''

पीएम मोदी और अमित शाह ने भी किया था प्रचार image Instagram/ShagunPariharbjp 2018 में शगुन के पिता और चाचा की चरमपंथियों ने हत्या कर दी थी

किश्तवाड़ में 18 सितम्बर को पहले चरण में मतदान हुए थे और शगुन परिहार को यहीं से जीत मिली है.

जीतने के बाद शगुन परिहार से जब पत्रकारों ने पूछा कि जीत के बाद वो पहला काम क्या करेंगी?

उनका था, “सबसे पहले तो मेरी कोशिश होगी कि हर बच्चे के सिर पर पिता का साया रहे, घर में खुशी आए. सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के चलते हमने अपने कई सेना के जवान खोए, मैंने अपने पिता को खोया, किसी ने अपने भाई को खोया, किसी ने बेटों को खोया. इसकी वजह से कई घर वीरान हो गए.”

उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहती कि जो दुख मैंने सहा, वैसा किसी और को देखना पड़े.”

बीजेपी को जम्मू क्षेत्र में 29 सीटों पर जीत मिली है, जिनमें 28 हिंदू और एक सिख हैं.

जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ सीट से बीजेपी ने शगुन परिहार को टिकट दिया था.

उनके चुनाव प्रचार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी गए थे. एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, “पिता और चाचा का बलिदान बहुत बड़ा है, शगुन की आयु मत देखिए, उसके परिवार का बलिदान देखिए.”

शगुन के पिता और चाचा की चरमपंथियों द्वारा हुई हत्या का केंद्रीय गृह मंत्री संदर्भ दे रहे थे.

पीएम मोदी ने डोडा की चुनावी रैली में शगुन परिहार को 'बेटी' कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वो और अन्य बीजेपी नेता 'जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरा सफाया करने के लिए दृढ़ संकल्प' लिए हुए हैं.

जीत का अंतर image Instagram/ShagunPariharbjp कड़े मुकाबले में शगुन परिहार ने नेशनल कॉन्फ़्रेंस के उम्मीदवार को हराया

शगुन परिहार के चुनावी प्रचार का मुख्य मुद्दा उनकी निजी ज़िंदगी और चरमपंथ रहा.

आठ अक्टूबर को आए परिणामों में 29 साल की शगुन परिहार को जीत मिली.

यहां नेशनल कॉन्फ़्रेंस के सज्जाद अहमद किचलू से उनकी कड़ी टक्कर थी. मैदान में पांच अन्य उम्मीदवार थे, तीन स्वतंत्र उम्मीदवार और पीडीपी के अलावा बीएसपी के एक उम्मीदवार.

शगुन ने कड़े मुक़ाबले में 521 वोटों से एनसी के सज्जाद अहमद किचलू को हरा दिया.

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 60,524 वोट पड़े थे, जिनमें 2242 पोस्टल वोट थे. पोस्टल वोटों में 1279 वोट शगुन परिहार को और 888 वोट सज्जाद अहमद किचलू को मिले.

शगुन को कुल 29,053 वोट तो किचलू को कुल 28,532 वोट मिले. बाकी उम्मीदवार हज़ार वोट तक भी नहीं पहुंच सके.

प्रतिशत के लिहाज से देखें तो शगुन को 48 प्रतिशत मत मिला जबकि किचलू को 47.14 प्रतिशत मत मिले.

यहां जीत के अंतर से अधिक नोटा पर 615 वोट पड़े. पीडीपी के फ़िरदौस अहमद टाक को 997 और बीएसपी के सुमित कुमार को 441 वोट मिले.

शगुन परिहार कौन हैं? image ANI नामांकन के दौरान हलफ़नामे में शगुन ने बताया था कि उनके पास 18000 रुपये नक़द हैं

शगुन परिहार ने आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से 2021 में इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम में एमटेक की डिग्री हासिल की है.

इससे पहले उन्होंने 2017 में हिमाचल प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बीई की पढ़ाई की थी.

उनकी स्कूली पढ़ाई किश्तवाड़ में ही बीवीएम हायर सेकेंड्री स्कूल से हुई है. उन्होंने 12वीं की पढ़ाई 2012 में पूरी की थी.

अपने हलफ़नामे में उन्होंने 92.40 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है.

जब बीजेपी ने उन्हें अपना कैंडिडेट घोषित किया तो परिहार अपनी पीएचडी करने में जुटी हुई थीं और साथ ही स्टेट पीसीएस की परीक्षा की तैयारी भी कर रही थीं.

साल 2018 में शगुन परिहार के पिता अजित परिहार और चाचा अनिल परिहार को उनके घर के पास ही चरमपंथियों ने गोली मार दी थी.

उस समय पंचायत चुनाव होने वाले थे और अनिल परिहार बीजेपी के प्रदेश सचिव थे.

शगुन ने कहा, ''मेरे पिता और चाचा को स्थानीय मुसलमान भी प्यार करते थे और यही पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों को रास नहीं आया था.''

जम्मू-कश्मीर में चरमपंथ की लहर के बीच भी अनिल राजनीति में पूरी तरह सक्रिय थे.

शमीम फ़िरदौस image Getty Images शमीम फ़िरदौस नेशनल कॉन्फ़्रेंस की सीनियर नेता हैं

शमीम फ़िरदौस नेशनल कॉन्फ़्रेंस की सीनियर नेता हैं और वह पार्टी के महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं.

शमीम फ़िरदौस ने बीजेपी के अशोक भट्ट को हब्बा कदल विधानसभा क्षेत्र से 9,538 मतों से मात दी.

यहाँ कुल 19229 मत पड़े थे, जिनमें 12437 वोट शमीम फिरदौस को मिले और अशोक कुमार भट्ट को महज़ 2899 वोट मिले.

2008 और 2014 में भी शमीम फिरदौस को ही हब्बा कदल से जीत मिली थी.

सकीना मसूद image ECI सकीना मसूद ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है

सकीना मसूद नेशनल कॉन्फ़्रेंस की सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं और पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं.

उन्होंने दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम ज़िले के डीएच पोरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की.

उन्हें 36,623 वोट मिले और उन्होंने पीडीपी के गुलज़ार हमद डार को 17,449 वोटों से हराया.

वो राजनीति और प्रशासनिक क्षेत्र में अच्छा अनुभव रखती हैं और मंत्री रहते हुए उन्होंने समाज कल्याण, प्रशासनिक सुधार, शिक्षा और पर्यटन जैसे विभागों को संभाला है.

जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में नेशनल कॉन्फ़्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को 48 सीटें हासिल हुई हैं जबकि बीजेपी को 29 और पीडीपी को तीन सीटें मिली हैं.

आम आदमी पार्टी को पहली बार एक सीट और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) और जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ़्रेंस को एक एक सीट मिली है. सात निर्दलीय जीते हैं.

यहां नेशनल कॉन्फ़्रेंस की अगुवाई में सरकार बनना तय है. गुरुवार को एनसी विधायक दल के नेता के तौर पर उमर अब्दुल्लाह को चुना गया है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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