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कनाडा की विपक्षी पार्टियां भारत के मामले में क्या जस्टिन ट्रूडो के साथ हैं?

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Getty Images कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता पियर पॉलिवेयर कनाडा के नेता प्रतिपक्ष हैं.

खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के रुख़ को कई लोग उनकी घरेलू राजनीति से भी जोड़ रहे हैं.

भारत का कहना है कि ट्रूडो वोट बैंक की राजनीति के कारण ऐसा कर रहे हैं. भारत के ख़िलाफ़ ट्रूडो की आक्रामकता को वहाँ का विपक्ष कैसे देख रहा है?

भारत और कनाडा के बीच बढ़े तनाव पर भारत में भी विपक्षी नेता बोल रहे हैं लेकिन मोदी सरकार की लाइन के बहुत ख़िलाफ़ नहीं है.

लेकिन कनाडा के दूसरे नेता और विपक्षी पार्टियां क्या ट्रूडो के रुख़ से सहमत हैं?

कनाडा में विपक्षी दलों ने ट्रूडो सरकार के रुख़ पर सवाल उठाए हैं. विपक्षी दलों के कई नेताओं का कहना है कि ट्रूडो इस मुद्दे को भुनाने में लगे हैं. वहीं कई लोग समर्थन भी कर रहे हैं.

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कनाडा के विपक्ष के नेता पियर पॉलिवेयर ने इस मुद्दे को सुलझाने में ट्रूडो सरकार को नाकाम बताया. साथ ही उन्होंने ट्रूडो से जनता के सामने सबूत पेश करने की मांग की.

कनाडा कि एक अन्य विपक्षी पार्टी ‘पीपल्स पार्टी ऑफ़ कनाडा’ के प्रमुख मैक्सिम बर्नियर ने जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वो इस मुद्दे का इस्तेमाल दूसरे मुद्दों से भटकाने के लिए कर रहे हैं.

वहीं कनाडा के हिंदू सांसद चंद्रा आर्या ने कनाडा में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल किए हैं.

image Getty Images जस्टिन ट्रूडो कनाडा में विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं कनाडा के विपक्ष के नेता ने क्या कहा?

कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता पियर पॉलिवेयर कनाडा के नेता प्रतिपक्ष हैं. कनाडा पुलिस के भारत पर आरोप लगाने के बाद उन्होंने मंगलवार को एक बयान जारी कर इस मामले पर चिंता व्यक्त की थी.

उन्होंने कहा था, “आरसीएमपी ने जो आरोप लगाए हैं, वे बहुत चिंताजनक हैं और इसे बहुत ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए.”

पॉलिवेयर ने कहा, “भारत समेत किसी भी दूसरे देश के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह रुकना चाहिए. हमारी सरकार का यह पहला कर्तव्य है कि वह विदेशी ख़तरों से अपने नागरिकों को सुरक्षित रखे.”

उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि जिसने भी कनाडा के नागरिकों को डराया हो, नुक़सान पहुंचाया हो या हत्या की हो, उसके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले चलाए जाएंगे.”

विपक्ष के नेता ने ट्रूडो सरकार को घेरते हुए कहा, “पिछले नौ सालों में लिबरल पार्टी की सरकार (ट्रूडो सरकार) हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने में नाकाम साबित हुई है और राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी हस्तक्षेप को गंभीरता ने लेने में नाकाम रही है. इसकी वजह से कनाडा ऐसी गतिविधियों का गढ़ बन गया है.”

इसके बाद अगले ही दिन यानी बुधवार को पियर पॉलिवेयर का रुख़ और भी कड़ा नज़र आया . उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से उन सांसदों के नाम जाहिर करने की मांग की जो विदेशी हस्तक्षेप में शामिल हैं.

उन्होंने , “मैंने जस्टिन ट्रूडो को संदेश दिया है कि जो भी सांसद विदशी हस्तक्षेप में शामिल हैं उनके नाम जाहिर किए जाएं. लेकिन ट्रूडो ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वो वही कर रहे हैं जो वो हमेशा करते आए हैं. वो झूठ बोल रहे हैं.”

“मैंने भारत के हस्तक्षेप को लेकर 14 अक्तूबर को प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेशी मामलो के उप-मंत्री और सीएसआईएस के डायरेक्टर से बात की है.”

पियर पॉलिवेयर ने कहा, “अगर ट्रूडो के पास सबूत हैं तो उन्हें इसे जनता के सामने पेश करना चाहिए. अब जब उन्होंने जांच आयोग के सामने यह बात कह दी है, तो उन्हें तथ्यों को सार्वजनिक कर देना चाहिए लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वो इसे बढ़ा रहे हैं.”

किन विपक्षी नेताओं ने ट्रूडो सरकार के रुख़ का विरोध किया image Getty Images बर्नियर ने हरदीप सिंह निज्जर की नागरिकता को लेकर भी सवाल खड़ा किया है

पीपल्स पार्टी ऑफ़ कनाडा के प्रमुख मैक्सिम बर्नियर ने गुरुवार को भारत-कनाडा विवाद पर कनाडा के रुख़ को लेकर ट्रूडो सरकार को घेरा है.

उन्होंने जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगाया है कि वो दूसरे मुद्दों से भटकाने के लिए इस विवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

, “अगर भारतीय राजनयिकों के कनाडाई ज़मीन पर अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरसीएमपी (कनाडा पुलिस) और लिबरल सरकार (ट्रूडो सरकार) के आरोप सही हैं तो यह बहुत ही गंभीर विषय है और इससे निपटा जाना चाहिए.”

हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगाते हुए कहा, “अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया गया है और यह साफ़ है कि ट्रूडो इस मुद्दे का इस्तेमाल दूसरे विवादों से भटकाने के लिए कर रहे हैं.”

बर्नियर ने अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की नागरिकता पर भी सवाल उठाया है और कनाडा को अपनी इस भूल को सुधारने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि कनाडा को भारत के साथ मिलकर इस विवाद को सुलझाना चाहिए.

बर्नियर ने हरदीप सिंह निज्जर की नागरिकता को लेकर कहा, “एक मिथक को दूर किया जाना चाहिए कि इस मामले के मुख्य किरदार और खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर एक कनाडाई नागरिक थे.”

उन्होंने कहा, “वह वास्तव में एक विदेशी चरमपंथी थे जिन्होंने 1997 से लेकर अब तक कई बार कनाडा में शरण लेने के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया.”

“उनके दावों को ख़ारिज कर दिया गया फिर भी इस देश में रहने की अनुमति दी गई और किसी तरह 2007 में नागरिकता दी गई.”

निज्जर की नागरिकता छीनने की मांग करते हुए बर्नियर ने कहा, “निज्जर कनाडा के नागरिक नहीं थे. इस प्रशासनिक ग़लती को सुधारने के लिए हमें शायद उनकी हत्या के बाद नागरिकता छीन लेनी चाहिए. शरण के लिए पहले फ़र्ज़ी दावे के बाद ही निर्वासित कर दिया जाना चाहिए था.”

उन्होंने कहा, “शरणार्थी का दावा करने वाले लाखों फ़र्ज़ी दावेदार इस समय कनाडा में हैं.”

बर्नियर ने कहा, “यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कनाडा ने जानबूझकर दशकों से इन विदेशियों और उनके जातीय संघर्षों को हमारे देश में आमंत्रित किया है.”

निज्जर मामले को भारत के साथ मिलकर सुलझाने की मांग करते हुए बर्नियर कहते हैं, “हमें इस बड़ी भूल को स्वीकार करना चाहिए और इस मुद्दे पर एक उभरती हुई विश्व शक्ति और महत्वपूर्ण सहयोगी के साथ अपने संबंधों को ख़तरे में डालने की बजाय भारत सरकार के साथ मिलकर समाधान ढूंढना चाहिए.”

image Getty Images प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात पिछले साल दिल्ली में जी20 बैठक के दौरान हुई थी

मैक्सिम बर्नियर ने शुक्रवार को भी विदेश नीति को लेकर जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विपक्षी दल कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता पियर पॉलिवेयर, दोनों को निशाना बनाया.

उन्होंने , “विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर ट्रूडो और पॉलिवेयर को बातचीत करते देखना कनाडाई राजनीति में सबसे हास्यास्पद बात है. वे दोनों खुले तौर पर और लगातार विदेशी हस्तक्षेप का स्वागत करते रहे हैं.”

“दोनों की पूरी राजनीतिक रणनीति विदेशियों को कनाडा में लाने, उन्हें विशेषाधिकार देने, उन्हें मूल कनाडाई लोगों से ऊपर रखने, उन्हें अपने विदेशी संघर्षों को यहां लाने देने, उन्हें खुश करने और उनके वोट ख़रीदने पर आधारित है.”

कनाडा के हिंदू सांसद ने क्या कहा? image @ARYACANADA चंद्रा आर्या ने कहा है कि कनाडा में खालिस्तानी अतिवाद राजनीतिक संरक्षण की वजह से बना हुआ है

कनाडा के लिबरल नेता चंद्रा आर्य जो कि नेपियन से हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य हैं, उन्होंने सोशल मीडिया में एक वीडियो जारी करते हुए , “मैंने हाल ही में हुए घटनाक्रम को लेकर कनाडा के हिंदुओं की चिंताओं को सुना. एक हिंदू सांसद के रूप में मैंने भी इन चिंताओं का अनुभव किया है.”

उन्होंने कहा, “सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरसीएमपी के असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिजिट गौविन ने यह पुष्टि की कि नेशनल टास्क फोर्स अन्य ख़तरों के साथ ही खालिस्तानी हिंसक अतिवाद की जांच कर रही है.”

“कनाडा के नागरिक होने के नाते हम उम्मीद करते हैं कि खालिस्तानी हिंसक अतिवाद पर हमारी सरकार और उसकी एजेंसियां हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए अन्य प्रभावित देशों के साथ सहयोग करेंगी.”

चंद्रा आर्या ने कहा, “आरसीएमपी के कमिश्नर माइकल डुहेम ने उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कनाडा में एक हिंसक अतिवाद का ख़तरा है, जिस पर कनाडा और भारत वर्षों से काम कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “यह ज़रूरी है कि हम सभी खालिस्तानी अतिवाद से पैदा हुए सीमा पार के ख़तरों को ख़त्म करने के महत्व को पहचानें और इसे सुलझाने के लिए अपने प्रयासों को फिर से शुरू करें.”

उन्होंने कहा, “कनाडा में खालिस्तानी अतिवाद राजनीतिक संरक्षण की वजह से बना हुआ है.”

“जैसा कि एंड्रयू कोयन ने 22 सितंबर 2023 को ‘द ग्लोब एंड मेल’ में कनाडा के नेताओं के बारे में लिखा था कि ऐसी रैलियों में भाग लेना, जहां चरमपंथियों और चरमपंथी हमलों की तारीफ़ की जाती है. इस देश के नेताओं को अलगाववादी आंदोलनों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए, खासकर उन देशों में जो हिंसा की वकालत करते हैं या उसमें शामिल होते हैं.”

चंद्रा आर्या ने कहा, “दुर्भाग्य से मैंने अभी तक किसी भी नेता या सरकारी अधिकारी को उन हिंदू-कनाडाई लोगों को आश्वस्त करते हुए नहीं सुना है, जो हाल की घटनाओं की वजह से अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित और डरे हुए हैं.”

“मैं हिंदू-कनाडाई लोगों से कहना चाहता हूं कि हम इस देश के सबसे शिक्षित और सफल समुदायों में से एक हैं, जो कनाडा की प्रगति में बहुत योगदान दे रहे हैं. फिर भी हमारे लो प्रोफ़ाइल को राजनेता अक्सर कमज़ोरी समझ लेते हैं.”

“मैं आपकी ओर से वकालत करने की पूरी कोशिश करने की शपथ लेता हूं. हालांकि मेरा अकेला प्रयास करना पर्याप्त नहीं हैं.”

आर्या ने हिंदूओं से अपील करते हुए कहा, “हमारी चिंताओं को दूर करने का एकमात्र तरीका यह है कि हिंदू-कनाडाई अपनी आवाज़ उठाएं और सभी नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराएं. साथ मिलकर हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सुरक्षा और हितों की रक्षा की जाए.”

image Getty Images जगमीत सिंह कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता हैं और पूरे विवाद में जस्टिन ट्रूडो के साथ हैं. जगमीत सिंह ट्रूडो के साथ

जगमीत सिंह कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता हैं और पूरे विवाद में जस्टिन ट्रूडो के साथ हैं.

जगमीत सिंह कनाडा के वैसे नेता हैं, जो कई मौक़ों पर भारत की आलोचना करते रहे हैं.

जगमीत सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इस बारे में एक विस्तृत बयान जारी किया है और उन्होंने कहा है कि हम भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने के फ़ैसले का स्वागत करते हैं.

सिंह ने कनाडा की सरकार से मांग की है कि वो भारत पर राजनयिक प्रतिबंध लगाए और कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को बैन करे.

उन्होंने लिखा है, "आज जो भी बातें उजागर हुईं, उन्होंने ये और स्पष्ट कर दिया है कि मोदी सरकार हत्या, उगाही और कनाडा की धरती पर कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाने जैसे संगठित अपराधों में संलिप्त है."

जगमीत सिंह ने लिखा है, "आरसीएमपी के कमिश्नर ने जो जानकारी आज जारी की हैं, उनसे एनडीपी बेहद चिंतित है. कनाडाई, ख़ासतौर पर कनाडा में रह रहे सिख समुदाय को डर, धमकियों, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. उनके साथ उगाही, चुनाव में दखलअंदाज़ी जैसे मामले सामने आ रहे हैं और ये सब कुछ कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों के हाथों में है."

इसी साल उनकी पार्टी ने ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.

भारतीय मूल के जगमीत सिंह की पार्टी ने बीते आम चुनावों में 24 सीटें जीती थीं और वो किंगमेकर की भूमिका में थे.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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