राजस्थान के खाटूश्यामजी में इस बार बुधवार को जलझुलनी एकादशी बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी। इसे लेकर श्रीश्याम मंदिर कमेटी ने तैयारियों का दौर शुरू कर दिया है। यह पर्व भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और देशभर से श्रद्धालु इस अवसर पर खाटू धाम पहुंचते हैं।
मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि इस वर्ष लगभग 2 से 3 लाख भक्त जलझुलनी एकादशी पर खाटू धाम में बाबा श्याम के दर्शन करेंगे। इस अवसर पर भक्तों की भीड़ और व्यवस्थाओं को देखते हुए मंदिर और स्थानीय प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। सुरक्षा, पार्किंग, सड़क मार्ग और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
जलझुलनी एकादशी के पहले श्रीश्याम मंदिर कमेटी खाटू सहित क्षेत्र के आसपास के सभी मंदिरों में भगवान के लिए नई पोशाक भेजने का कार्य कर रही है। इस दौरान भगवान श्याम की पोशाक बदलकर उन्हें विशेष भव्य श्रृंगार के साथ सजाया जाएगा। भक्त इस दिन विशेष पूजा, भजन और आराधना में भाग लेते हैं और बाबा श्याम की झूला झूलने की परंपरा का आनंद उठाते हैं।
स्थानीय पुरोहितों और मंदिर कर्मचारियों ने बताया कि जलझुलनी एकादशी पर विशेष पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण किया जाएगा। भक्त इस अवसर को अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं। खासतौर पर झूले पर बाबा श्याम को बैठाकर उनका अभिषेक और श्रृंगार करना इस पर्व की मुख्य परंपरा है।
मौके पर मंदिर समिति और प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी है। अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड, सीसीटीवी निगरानी और भीड़ प्रबंधन की तैयारियां की गई हैं ताकि लाखों भक्तों के दर्शन सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हो सकें। प्रशासन ने क्षेत्र में यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुचारू बनाए रखा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलझुलनी एकादशी जैसे धार्मिक अवसर न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को प्रगाढ़ करते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन के लिए भी लाभकारी साबित होते हैं। इस अवसर पर भक्तों के आगमन से क्षेत्र के होटल, ढाबे और परिवहन सेवाओं में गतिविधियां बढ़ जाती हैं।
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