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Alwar रामगढ़ उपचुनाव में अवैध हथियारों का इस्तेमाल पुलिस को पड़ सकता है महंगा

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अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर रामगढ़ विधानसभा सीट पर 13 नवबर को उप चुनाव होंगे। चुनाव आचार संहिता के दौरान पुलिस ने लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन अवैध हथियारों पर कोई लगाम नहीं है। पिछले पौने तीन साल में अलवर जिले में 300 से ज्यादा अवैध हथियार पकड़े गए हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी अपराधी खुलेआम अवैध हथियारों को प्रदर्शन कर लोगों में दहशत पैदा कर रहे हैं। अवैध हथियार रखने वाले बदमाशों के खिलाफ पुलिस की सुस्ती उप चुनाव में भारी पड़ सकती है।

पुराने अलवर जिले में प्रशासन की ओर से 3031 आर्स लाइसेंस जारी किए हुए थे। नए जिले खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ के गठन के बाद अलवर जिले में आर्स लाइसेंसधारियों की संया घटकर 1750 रह गई है। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र काफी संवेदनशील है। यहां चुनाव में हिंदू-मुस्लिम फैक्टर हावी रहता है। वहीं, मेवात क्षेत्र और हरियाणा बॉर्डर से सटे होने के कारण चुनाव काफी संवेदनशील रहता है। चुनाव में हरियाणा के बदमाशों का पूरा दखल रहने की आशंका है। चुनाव के दौरान अवैध हथियारों पर शिकंजा कसना पुलिस के बड़ी चुनौती रहेगा।

पौने तीन साल में 317 अवैध हथियार जब्त : अलवर अवैध हथियारों का गढ़ बन चुका है। इसका अंदाजा पुलिस की कार्रवाई से लगाया जा सकता है। पिछले पौने तीन साल में अलवर जिला पुलिस ने 317 अवैध हथियार जब्त किए हैं तथा 456 अपराधियों को गिरतार किया गया है। जबकि अलवर में सप्लाई होने वाले अवैध हथियारों की संया जब्त हुए हथियारों से कई गुना अधिक है। जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

रामगढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव के लिए शुक्रवार से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. आर्तिका शुक्ला ने बताया कि 25 अक्टूबर तक सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक रिटर्निंग अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी रामगढ़ के कार्यालय में नामांकन भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 28 अक्टूबर को होगी। नाम वापसी की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर रखी गई है। नामांकन के दौरान 5 व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जाएगा।

बड़े नेता होंगे शामिल : भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम भले ही घोषित नहीं हुए हो, लेकिन संगठन स्तर पर नामांकन में बड़े नेताओं को बुलाने पर मंथन शुरू हो गया है। नामांकन दाखिल करने के दौरान सभा का आयोजन भी किया जा सकता है। इसकी भी तैयारियां की जा रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भी दोनों पार्टियों के कई प्रत्याशियों के नामांकन में बड़े नेता शामिल हुए थे।

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