बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, प्रदेश में 1.8 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं। उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। पूरे देश में यह आंकड़ा 13.5 करोड़ लोगों का है। नीति आयोग के एमपीआई 2023 के सर्वे के अनुसार गरीबी में सुधार का आकलन शिक्षा, चिकित्सा, घर, रोजगार, भोजन, पानी, बिजली, संपत्ति और बैंक अकाउंट जैसी अन्य सुविधाओं जैसे मापदंड के आधार पर किया गया है।
गरीबी उन्मूलन के मामले में देश में पांचवां नंबर राजस्थान का है। यहां वर्ष 2015 में 28.86% व 2021 में 15.31% गरीबी थी। इसमें 13.56% लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया। खेती बाड़ी, नरेगा में रोजगार, सामाजिक पेंशन, उद्योगों में रोजगार, पीएम आवास व बिजली-पानी की अन्य सुविधाओं से लोगों का जीवन स्तर सुधर रहा है। इससे इन लोगों के परिवारों में शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान देना संभव हो पाया है।
8 जिलों में अब 10 % लोग गरीबी रेखा से नीचे
कई जिलों में लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं। जयपुर, कोटा, सीकर, झुंझुनूं, पाली, गंगानगर, अजमेर व हनुमानगढ़ में अब 10% तक ही लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। हनुमानगढ़ में 2015-16 में 19% गरीबी थी, 2021 में घटकर आधी रह गई। अजमेर में भी 19.08 से घटकर 9.8% हो गई। सबसे कम 5.59% कोटा जिले में रह गई है, जो 2015-16 में 13.30% थी।
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