वंदे भारत ट्रेन को मंजूरी मिलने के बाद अब बीकानेर को एक और बड़ी सौगात मिली है। बीकानेर से बठिंडा तक रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण किया जाएगा। दोहरी रेल लाइन बिछाने की इस परियोजना पर लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे ने बीकानेर पूर्व रेलवे स्टेशन से लालगढ़ रेलवे स्टेशन तक 11 किलोमीटर के शहरी हिस्से को एक परियोजना में और लालगढ़ रेलवे स्टेशन से बठिंडा तक के हिस्से को रेलवे की गति शक्ति परियोजना में शामिल किया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को दोनों स्वीकृतियों की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार भी व्यक्त किया।
जल्द शुरू होगा काम
रेलवे बोर्ड ने बीकानेर मंडल पर बठिंडा-लालगढ़ खंड पर दोहरीकरण के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) के आदेश भी दे दिए हैं। ऐसे में बीकानेर से बठिंडा तक दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होगा। इससे भविष्य में बीकानेर मंडल में अत्याधुनिक और हाई-स्पीड ट्रेनें चलाना संभव हो सकेगा। साथ ही, मंडल में पहले से चल रही ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी।
यातायात सुगम होगा
ट्रेनों के क्रॉसिंग और आउटर सिग्नल पर खड़े रहने में लगने वाला समय खत्म हो जाएगा। रेलवे द्वारा चूरू-रतनगढ़ ट्रैक पर भी दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। बीकानेर से बठिंडा तक ट्रैक के दोहरीकरण से सभी जगह रेल यातायात सुगम हो जाएगा। साथ ही, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के बीच रेल सेवाओं का तेजी से विस्तार होगा।
लागत 278 करोड़ रुपये होगी
सबसे पहले बीकानेर पूर्व से लालगढ़ रेलवे स्टेशन तक दोहरीकरण शुरू होगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। 278.73 करोड़ रुपये की लागत से 11.08 किलोमीटर के कार्य को मंजूरी मिल गई है। इसमें 195.17 करोड़ रुपये की लागत से सिविल कार्य, 53.83 करोड़ रुपये की लागत से सिग्नल एवं दूरसंचार कार्य और 29.63 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत कार्य होंगे। मंडल के लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर वाशिंग लाइन भी बनाई जानी है। ऐसे में दोहरीकरण के साथ-साथ हाईटेक वाशिंग लाइन का होना फायदेमंद रहेगा।
320 किलोमीटर समानांतर लाइन बिछाई जाएगी, सर्वेक्षण होगा
रेलवे बोर्ड की बैठक के दौरान बठिंडा-लालगढ़ रेलखंड पर दोहरीकरण कार्य को मंजूरी दे दी गई। बोर्ड ने इस दोहरीकरण के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत 320.17 किलोमीटर तक पुरानी रेलवे लाइन के समानांतर नई लाइन बिछाई जाएगी। पहले इसका एफएलएस किया जाएगा, इसके बाद डीपीआर को मूर्त रूप दिया जाएगा। बठिंडा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़-लालगढ़ दोहरीकरण परियोजना में बठिंडा, सिरसा, मुक्तसर, हनुमानगढ़, सूरतगढ़ और बीकानेर क्षेत्र शामिल हैं। इस खंड की लागत का प्रारंभिक अनुमान चार से साढ़े चार हजार करोड़ रुपये लगाया गया है।
रेलवे फाटक की समस्या का 90 प्रतिशत समाधान
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को संसद भवन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और वंदे भारत ट्रेन और दोहरीकरण कार्य को मंजूरी देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे बीकानेर के लोगों के लिए रेल यात्रा की सुविधा बढ़ेगी। इसमें समय कम लगेगा। लालगढ़ से बीकानेर तक 11.08 किलोमीटर रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए 278 करोड़ रुपये के कार्य को भी मंजूरी मिल गई है। इससे रेलवे फाटक की 90 प्रतिशत समस्या का समाधान हो जाएगा।
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