अलवर में बारिश से पहले जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इस कार्य पर 103 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जाएगी। इससे 195 गांवों को फायदा होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान द्वितीय योजना स्वीकृत की गई है। योजना के तहत जिले की 9 पंचायत समितियों की 64 ग्राम पंचायतों के 195 गांवों की 54,783 हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जाएगा। इसमें 7 हजार 63 हेक्टेयर वन क्षेत्र भी शामिल है। अभियान के तहत 103.70 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत 3839 कार्य किए जाएंगे। इसमें 51 बड़े कार्य भी शामिल होंगे।
जिला डार्क जोन में आता है
अलवर जिला डार्क जोन में आता है। यहां पानी 400 फीट से नीचे है। कई ब्लॉक और पंचायत समितियों में धरती की कोख सूख चुकी है। वाटर रिचार्जिंग के लिए ही इस योजना को धरातल पर लागू करने की तैयारी है। जानकारों का कहना है कि अगर प्रशासन इस योजना की सही तरीके से मॉनिटरिंग करे तो बारिश के पानी का संग्रहण तेजी से हो सकेगा। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान द्वितीय की डीपीआर स्वीकृत हो गई है। जल संरक्षण की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। इसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
सरकारी स्कूलों व सरकारी भवनों में रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। यह काम 30 मई तक करना है। इसमें शिक्षा विभाग भी सहयोग करेगा। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में सरकारी भवनों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की तैयारी चल रही है। योजना के तहत जिले की 9 पंचायत समितियों की 64 ग्राम पंचायतों के 195 गांवों की 54,783 हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जाएगा। इसमें 7 हजार 63 हेक्टेयर वन क्षेत्र भी शामिल है। अभियान के तहत 103.70 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत 3839 कार्य किए जाएंगे। इसमें 51 बड़े कार्य भी शामिल किए जाएंगे।
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