अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर सरिस्का एलिवेटेड रोड की कवायद तेज हो गई है। यह रोड बनी तो अलवर से थानागाजी होकर जयपुर पहुंचने में 45 मिनट कम लगेंगे। यानि पौने चार घंटे का सफर 3 घंटे में पूरा होगा। नए प्लान में इस रोड को दो लेन की जगह चार लेन का बनाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने सरिस्का एलिवेटेड रोड का अलाइनमेंट केंद्र सरकार को भेजा है। इसके दो रूट तय किए गए हैं। ज्यादा मुफीद रास्ता अलवर से तालवृक्ष वाला माना जा रहा है। इसमें लागत भी कम आएगी और वन्यजीव भी आसानी से रोड के नीचे से निकल जाएंगे। दूसरे रूट की लागत ज्यादा है। हालांकि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी।
सरिस्का एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव 3 साल से घूम रहा है, लेकिन अब तक धरातल पर नहीं आ पाया था। पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने पहली डीपीआर तैयार की, जिसमें खर्च 2400 करोड़ रुपए आ रहा था। सरकार ने संबंधित अफसरों से पूछा कि इतनी रकम लगाकर जनता को क्या लाभ होगा ? इसका जवाब अफसर नहीं दे पाए। इसके बाद संशोधित डीपीआर पर काम हुआ लेकिन वह भी काम नहीं आई। अब अलाइनमेंट नया तैयार हुआ है। जिसमें दो रूट तय किए गए हैं। यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार के जरिए केंद्र सरकार को भेजा गया है।
अलवर से तालवृक्ष रूट की ये खासियत
32 किमी लंबे इस मार्ग पर किसानों की जमीन काफी कम आएगी।
यह पूरा मार्ग दो लेन की जगह चार लेन का बनेगा। अलवर से नटनी का बारां तक का मार्ग चौड़ा होगा।
नटनी का बारां से थानागाजी तक के मार्ग की दूरी 22 किमी होगी, जिसमें 7 किमी ओपनिंग एरिया होगा, जिससे वन्यजीव नीचे से निकल सकेंगे। बाकी 15 किमी रोड जमीन पर होगा। हालांकि इसकी ऊंचाई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की तरह होगी, जिस पर वन्यजीव नहीं आ पाएंगे।
हर 700 मीटर पर वन्यजीवों के लिए 300 मीटर का एरिया छोड़ा जाएगा, जिससे वन्यजीव निकलेंगे।
अगले माह तक इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो यह ढाई साल में तैयार हो जाएगा।
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