अजमेर शहर में एक हेड कांस्टेबल की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे राणा हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके परिवार के सदस्य की जान चली गई। परिजनों के मुताबिक डॉक्टरों ने न तो समय पर उचित उपचार दिया और न ही किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लिया। आनन-फानन में मरीज को बिना पर्याप्त जांच के मित्तल हॉस्पिटल रेफर कर दिया। मरीज जब तक मित्तल हॉस्पिटल पहुंचा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटनाक्रम के अनुसार हेड कांस्टेबल को 23 मई को वैशाली नगर स्थित राणा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक जांच में पीलिया व अन्य बीमारियां सामने आई थीं। हालत गंभीर होने पर मृतक ने खुद आरपीएससी गार्ड आईपीएल को भी सूचना दी, लेकिन उचित उपचार के अभाव में उसकी जान नहीं बच सकी।
ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबीयत
रामगोपाल ने बताया- "मेरे पिता घीसाराम (50) अजमेर पुलिस लाइन में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में आरपीएससी गार्ड में तैनात थे। 27 मई को दिन में अचानक पिता की तबीयत बिगड़ी तो उन्होंने घर पर फोन कर सूचना दी। सूचना मिलते ही मैं तुरंत मौके पर पहुंचा और पिता को वैशाली नगर स्थित राणा अस्पताल ले गया।"
जांच के बाद भर्ती कराया
मृतक के बेटे ने बताया- "राणा अस्पताल में डॉक्टरों ने मेरे पिता की पीलिया व अन्य बीमारियों की जांच कर उन्हें भर्ती कर लिया। हालत गंभीर होने पर पिता ने खुद आरपीएससी गार्ड आईपीएल को सूचना दी। हालत बिगड़ने पर मैंने डॉक्टरों से बात की, लेकिन उचित उपचार नहीं मिला।"
परिजनों का आरोप- डॉक्टरों ने बरती लापरवाही
रामगोपाल ने आरोप लगाया- "अस्पताल प्रशासन व डॉक्टरों ने गंभीर लापरवाही बरती। न तो सही तरीके से उपचार किया गया और न ही किसी विशेषज्ञ को बुलाया गया। आनन-फानन में मेरे पिता को मित्तल अस्पताल रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।"
पुलिस ने शुरू की जांच
क्रिश्चियन गंज थाने के हेड कांस्टेबल कुनाराम ने बताया, "मृतक के बेटे की शिकायत पर राणा अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम करवाकर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।"
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