राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने बुधवार को 10वीं और प्रवेशिका परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इस बार 10वीं परीक्षा का कुल परिणाम 87.90 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल से मात्र 0.1 प्रतिशत अधिक है। वहीं प्रवेशिका परीक्षा का परिणाम 83.25 प्रतिशत रहा। परिणाम का प्रदेशभर में विद्यार्थी और अभिभावक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस बार खास बात यह रही कि शिक्षा नगरी के रूप में देशभर में विख्यात कोटा जिला बोर्ड परिणाम में पिछड़ गया। प्रदेश के जिलों की रैंकिंग में कोटा 39वें स्थान पर रहा, जो खुद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का गृह जिला भी है। सीकर 97.56 के साथ पहले, झुंझुनूं 97.53 के साथ दूसरे, नागौर 97.26 के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
9 हजार से ज्यादा फर्स्ट डिवीजन
कोटा में 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 24 हजार 818 विद्यार्थी पंजीकृत थे। इसमें से 24 हजार 348 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 21 हजार 403 विद्यार्थी पास हुए। कुल 9857 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए, जबकि 8758 द्वितीय श्रेणी में तथा 2788 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी में पास हुए।
लड़कियों का रिजल्ट 3% अधिक रहा
बोर्ड परीक्षा में लड़कियों का रिजल्ट हमेशा लड़कों से अधिक रहता है। इस बार लड़कियों का रिजल्ट 3% अधिक रहा। लड़कों का कुल प्रतिशत 86.5% रहा, जबकि लड़कियों का 89.87% रहा। प्रथम श्रेणी के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसमें भी लड़कियां आगे रहीं।
संख्या में कम होते हुए भी लड़कियां आगे
परीक्षा में कुल 24348 विद्यार्थी शामिल हुए, जिसमें 12531 लड़के तथा 11817 लड़कियां थीं। पास होने वाले लड़कों की संख्या 163 अधिक है, लेकिन ओवरऑल रिजल्ट का प्रतिशत देखें तो लड़कों का 86.5% तथा लड़कियों का 89.87% रहा। ऐसे में संख्या में कम होने के बावजूद लड़कियां आगे रहीं।
फर्स्ट डिवीजन में भी बाजी मारी, 893 लड़कियां ज्यादा
इस बार रिजल्ट में फर्स्ट डिवीजन में पास होने वाले स्टूडेंट्स में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। लड़कों के मुकाबले फर्स्ट डिवीजन में 893 लड़कियां ज्यादा पास हुईं। फर्स्ट डिवीजन में पास होने वालों में लड़कों की संख्या 4482 और लड़कियों की संख्या 5375 रही।
सेकंड और थर्ड डिवीजन में आगे रहीं छात्राएं
फर्स्ट डिवीजन में पिछड़ने के बाद सेकंड और थर्ड डिवीजन में जरूर लड़के आगे रहे। सेकंड डिवीजन में 4 हजार 509 लड़के और 4 हजार 249 लड़कियां रहीं। इसी तरह थर्ड डिवीजन में 1 हजार 792 लड़के और 996 लड़कियां रहीं, यानी लड़कियों के मुकाबले थर्ड डिवीजन में 796 लड़के ज्यादा पास हुए।
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