मुंबई। महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। मराठवाड़ा, विदर्भ और कोकण क्षेत्र में गांव दर गांव जलभराव से जूझ रहे हैं।हजारों हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गई हैं और किसानों के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष बाढ़ और उससे जुड़ी आपदाओं में अब तक 380 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं,15 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है और करीब 35 हजार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सोयाबीन, कपास और गन्ने जैसी प्रमुख फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कई इलाकों में अब भी पानी भरा है और सड़क संपर्क बाधित है। इसी पृष्ठभूमि में मुंबई का प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट भी आगे आया है। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने घोषणा की है कि बाढ़ प्रभावित नागरिकों की मदद एवं पुनर्वास के लिए ट्रस्ट द्वारा तत्काल मुख्यमंत्री सहायता कोष में 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
इधर, राज्य सरकार भी राहत कार्यों के लिए सक्रिय है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुंबई पहुंचे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राज्यभर में हुए नुकसान का आकलन प्रस्तुत किया गया और केंद्र सरकार से तात्कालिक आर्थिक सहायता व राहत पैकेज की मांग की गई। गृहमंत्री शाह ने प्रभावित जिलों में तेजी से राहत पहुंचाने और केंद्र से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि सीएम राहत कोष से भी तात्कालिक सहायता जारी की जा रही है। जिला प्रशासन को पीड़ित परिवारों के लिए अन्न, दवाइयां, कपड़े और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
धार्मिक संस्था, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास में गति मिलने की उम्मीद है। श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट का यह योगदान सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की मिसाल माना जा रहा है।
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