भोपाल। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एक अक्टूबर को मध्य प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दिवस का प्रमुख उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की समाज में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना और उन्हें समावेशी भविष्य के निर्माण में सशक्त पहचान दिलाना है।
जनसंपर्क अधिकारी अनिल वशिष्ठ ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम की थीम “समावेशी भविष्य के लिए वृद्धजन की पहचान को सशक्त बनाना” निर्धारित की गई है। जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, संवाद सत्र एवं जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित होंगी। इन आयोजनों का मुख्य फोकस यह रहेगा कि वृद्धजन केवल परिवार और समाज के अनुभव का आधार ही नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी के माध्यम से समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
उन्होंने बताया कि विशेष आकर्षण के रूप में प्रत्येक जिले में ‘शतायु सम्मान’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 वर्ष या उससे अधिक आयु पूर्ण कर चुके वृद्धजनों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश देना है। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने सभी जिला कलेक्टर और विभाग के जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि कार्यक्रमों का स्वरूप स्थानीय परिस्थितियों और संसाधनों के अनुरूप तैयार किया जाए तथा प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के आयोजन से प्रदेश में न केवल वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता की भावना को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में उनके अनुभव और मार्गदर्शन की उपयोगिता को भी पुनः रेखांकित किया जाएगा। यह आयोजन प्रदेश की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें बुजुर्गों को समाज की धरोहर मानते हुए उन्हें सम्मान और सहयोग प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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